Shri Amitabh Bacchan |
We all have energy, but we only come to know its existence when we bound to use it. For instance, when exam comes only then students realize how much they can learn in two hours. In that night we focus hard to make our morning best, many night like those have brought amazing stars in our country. We need those hard nights in our country, to bring a lightning,brightest and colourful morning.
added by- Shri Amitabh Bachchan on Facebook
आज देश के ऊपर कैसीकाली रातें आई हैं!
मातम की घनघोर घटाएँकैसी जमकर छाई हैं!
लेकिन दृढ़ विश्वास मुझे हैवह भी रातें आएँगी,
जब यह भारतभूमि हमारीदीपावली मनाएगी!
शत-शत दीप इकट्ठे होंगेअपनी-अपनी चमक लिए,
अपने-अपने त्याग, तपस्या,श्रम, संयम की दमक लिए।
अपनी ज्वाला प्रभा परीक्षितसब दीपक दिखलाएँगे,स
ब अपनी प्रतिभा पर पुलकितलौ को उच्च उठाएँगे।
तब, सब मेरे आस-पास कीदुनिया के सो जाने पर
,भय, आशा, अभिलाषा रंजितस्वप्नों में खो जाने पर,
जो मेरे पढ़ने-लिखने केकमरे में जलता दीपक,
उसको होना नहीं पड़ेगालज्जित, लांच्छित, नतमस्तक।
क्योंकि इसीके उजियाले मेंबैठ लिखे हैं मैंने गान,
जिनको सुख-दुख में गाएगीभारत की भावी संतान!
आज देश के ऊपर कैसीकाली रातें आई हैं!
मातम की घनघोर घटाएँकैसी जमकर छाई हैं!
लेकिन दृढ़ विश्वास मुझे हैवह भी रातें आएँगी,
जब यह भारतभूमि हमारीदीपावली मनाएगी!
शत-शत दीप इकट्ठे होंगेअपनी-अपनी चमक लिए,
अपने-अपने त्याग, तपस्या,श्रम, संयम की दमक लिए।
अपनी ज्वाला प्रभा परीक्षितसब दीपक दिखलाएँगे,स
ब अपनी प्रतिभा पर पुलकितलौ को उच्च उठाएँगे।
तब, सब मेरे आस-पास कीदुनिया के सो जाने पर
,भय, आशा, अभिलाषा रंजितस्वप्नों में खो जाने पर,
जो मेरे पढ़ने-लिखने केकमरे में जलता दीपक,
उसको होना नहीं पड़ेगालज्जित, लांच्छित, नतमस्तक।
क्योंकि इसीके उजियाले मेंबैठ लिखे हैं मैंने गान,
जिनको सुख-दुख में गाएगीभारत की भावी संतान!
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