I usually prefer to hear pop music, but i never regretted slow one's. I like old songs. And one of the famous form of old song is Ghajal. I have recently heard a Ghajal sung by Arjit singh, one of my favorite singing star .
I love his voice. He is modern star can sing all kind of songs and here it is one Ghajal sung by him . Read it here-
रिश्तों के सारे मंज़र चुप-चाप देखता हूँ ,
हाथों में सब के खंजर चुप-चाप देखता हूँ
हाथों में सब के खंजर चुप-चाप देखता हूँ
जिस में पला है मेरे बचपन का लम्हा लम्हा
जिस में पला है मेरे बचपन का लम्हा लम्हा
उजड़ा हुआ सा वो घर चुप-चाप देखता हूँ
हाथों में सब के खंजर चुप-चाप देखता हूँ
डरता है कितने तोहमत मुझपे वजूद मेरा
डरता है कितने तोहमत मुझपे वजूद मेरा
जब की मैं दिल के अंदर चुप-चाप देखता हूँ
हाथों में सब के खंजर चुप-चाप देखता हूँ
वो रह गुज़र कभी जो मंज़िल की इप्तदा थी
वो रह गुज़र कभी जो मंज़िल की इप्तदा थी
उसको मैं अब पलट कर चुप चाप देखता हूँ
हाथों में सब के खंजर चुप-चाप देखता हूँ
हाथों में सब के खंजर चुप-चाप देखता हूँ
जिस में पला है मेरे बचपन का लम्हा लम्हा
जिस में पला है मेरे बचपन का लम्हा लम्हा
उजड़ा हुआ सा वो घर चुप-चाप देखता हूँ
हाथों में सब के खंजर चुप-चाप देखता हूँ
डरता है कितने तोहमत मुझपे वजूद मेरा
डरता है कितने तोहमत मुझपे वजूद मेरा
जब की मैं दिल के अंदर चुप-चाप देखता हूँ
हाथों में सब के खंजर चुप-चाप देखता हूँ
वो रह गुज़र कभी जो मंज़िल की इप्तदा थी
वो रह गुज़र कभी जो मंज़िल की इप्तदा थी
उसको मैं अब पलट कर चुप चाप देखता हूँ
हाथों में सब के खंजर चुप-चाप देखता हूँ
Comments
Post a Comment